Gold Making Charges in India: भारत में सोने के गहनों पर मेकिंग चार्ज (Making Charges) वह शुल्क होता है जो गहने बनाने के दौरान डिज़ाइन और कारीगरी के लिए लिया जाता है। यह चार्ज अलग-अलग गहनों और डिज़ाइनों के आधार पर भिन्न होता है।
सोने के मेकिंग चार्ज से संबंधित मुख्य बातें:
1. मेकिंग चार्ज कैसे तय होता है?
मेकिंग चार्ज या तो प्रतिशत के रूप में (सोने की कुल कीमत पर 5% से 20% तक) या प्रति ग्राम के हिसाब से तय किया जाता है।
डिज़ाइन जितनी जटिल और बारीक होगी, मेकिंग चार्ज उतना अधिक होगा।
2. मेकिंग चार्ज के प्रकार:
फिक्स्ड चार्ज: कुछ ज्वैलर्स प्रति ग्राम फिक्स्ड मेकिंग चार्ज लगाते हैं।
प्रति ग्राम प्रतिशत: गहने के वजन के आधार पर एक प्रतिशत दर तय होती है।
3. मेकिंग चार्ज क्यों लिया जाता है?
इसमें कारीगरों की मेहनत, डिज़ाइनिंग लागत और उत्पादन प्रक्रिया शामिल होती है।
खासतौर पर हाथ से बने (हैंडमेड) गहनों में यह चार्ज ज्यादा होता है।
4. मेकिंग चार्ज में छूट:
त्योहारी सीजन के दौरान कई ज्वैलर्स मेकिंग चार्ज पर छूट (Discount) प्रदान करते हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग में भी कई बार मेकिंग चार्ज कम होता है।
5. मेकिंग चार्ज पर GST:
सोने के मेकिंग चार्ज पर 5% GST लागू होता है।
सोने के गहनों पर मेकिंग चार्ज का उदाहरण:
यदि आप 10 ग्राम सोना (24 कैरेट) खरीदते हैं, जिसकी कीमत ₹6,000 प्रति ग्राम है, तो कुल कीमत ₹60,000 होगी।
यदि मेकिंग चार्ज 10% है, तो यह ₹6,000 होगा।
इसके ऊपर 5% GST लगेगा, यानी ₹300।
कुल कीमत = ₹60,000 + ₹6,000 + ₹300 = ₹66,300।
सुझाव:
गहने खरीदते समय अलग-अलग ज्वैलर्स के मेकिंग चार्ज की तुलना करें।
मेकिंग चार्ज में छूट का लाभ उठाएं, खासतौर पर ऑफर्स के दौरान।
पारंपरिक गहनों के बजाय सरल डिज़ाइनों पर मेकिंग चार्ज कम होता है।